मैं

ज़िन्दगी क्या मोड़ ले ये कोई नहीं जानता है
ये एक ऐसा सच है जो कठिन होता मानना है

सब यही सोचते हैं कि वो इस ओर चलें हैं
मंजिल उस ओर है ये तो कोई नहीं बताता है

ठोकर जब लगे तब ये एहसास होता है
कि हम अकेले मुसाफिर हैं और कोई राजदार नहीं होता है

इस जीवन में हर व्यक्ति का एक किरदार लिखा है
कोई साथ देता है, कोई सीख दे छोड़ता है

हर उतार-चड़ाव हमें कुछ बताना-दिखाना चाहते हैं
हर सुख-दुःख हमें और 'सुलझा' इंसान बनाना चाहते हैं

ज़रूरी है इसीलिए अपने संग कुछ वक़्त बिताना
क्यूंकि जो खुद को ही न जाना तो फिर क्या जाना

कहते हैं की अकेलापन मुश्किल बड़ा होता है
पर जो अकेलेपन में खुश रहे उसे दर्द भी कम होता है

अपने विचारों और रिश्तों पर नियंत्रण के लिए
खुद को जानना, पहचानना ज़रूरी होता है

कभी अपने आप से बात करो तो जानो
हम में जो रहता है वो हमेशां सच बोलता है

दुनियादारी से परे मैं जब अपने आप संग होती हूँ
दिल सुकून भरी ख़ुशी को महसूस करता है  :) 

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